कभी मन होता है... कभी मन होता है...
अश्रु की ज्वाला नयन में विगत कुछ वर्षों की स्मृति अश्रु की ज्वाला नयन में विगत कुछ वर्षों की स्मृति
मैं प्रेम के प्रेम को और प्रेम की पीड़ा को दोनों को महसूस करती हूँ मैं प्रेम के प्रेम को और प्रेम की पीड़ा को दोनों को महसूस करती हूँ
एक निर्मल जल की तरह लगातार बहता रहता है , एक निर्मल जल की तरह लगातार बहता रहता है ,
मानव मानव एक, भाव ये सब अपनाओ। मानव मानव एक, भाव ये सब अपनाओ।
अहसासों के खारे जल से भर जाता है मन। अहसासों के खारे जल से भर जाता है मन।